किराना व्यापारियों ने बढ़ाए सामानों के मनमानी दाम,कच्ची रसीद पर चल रहा लाखों का कारोबार

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किराना व्यापारियों ने बढ़ाए सामानों के मनमानी दाम,कच्ची रसीद पर चल रहा लाखों का कारोबार



किराना व्यापारियों ने बढ़ाए सामानों के मनमानी दाम,कच्ची रसीद पर चल रहा लाखों का कारोबार  


सीधी।
केन्द्र एवं प्रदेश सरकार का वार्षिक बजट भले ही अभी घोषित नहीं हुआ हो लेकिन सीधी जिले में थोक व्यापारियों द्वारा संभावित सामग्रियों के दामों में रोजाना इजाफा किया जा रहा है। लोहा, सीमेंट के बाद तंबाखू युक्त सामग्रियों की कीमतों में 15-20 फीसदी तक का इजाफा कर दिया गया है। विडंबना यह है कि जिले में कोई भी विभाग यह जानने की जरूरत नहीं समझ रहा है कि मंहगाई बिना बढ़े ही व्यापारियों द्वारा मनमानी तौर पर सामग्रियों के दामों में इजाफा रोजाना क्यों किया जा रहा है। स्थिति यह है कि किराना व्यवसायी भी प्रतिदिन ज्यादा मांग वाली सामग्रियों के दामों में वृद्धि कर रहे हैं। उनका कहना है कि थोक व्यापारियों द्वारा मंहगे दामों पर सामान दिये जा रहे हैं जिसके चलते उन्हें भी फुटकर में बढ़े दामों पर बिक्री करनी पड़ रही है। मालुम रहे कि शहर में थोक व्यापारियों द्वारा आयकर की चोरी की जा रही है। बगैर पक्की रसीदों के लाखों का व्यापार करने वाले यह व्यापारी शासन के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। बड़े कारोबारी रोजाना लाखों का कारोबार कच्ची रसीद पर ही बेखौफ होकर चला रहे हैं। उनकी इस मनमानी से खरीददारों को भले ही कोई लाभ न हो लेकिन उन्हें एक ही झटकें में मोटी कमाई हो जाती है। इस मामले में विभागीय उदासीनता भी देखने को मिल रही है। सामानों की खरीदी करने पर फुटकर व्यापारियों को रसीदें न दिये जाने से इन व्यापारियों को अक्सर परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। शासन द्वारा आयकर चोरी रोंकने एवं सामानों की खरीदी पर पक्की रसीदें देने हेतु आम उपभोक्ताओं को तमाम तरीके से जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन शहर में इस तरह की जागरूकता नहीं दिख रही है। बड़े व्यापारी मनमानी तरीके से लाखों का व्यापार आज भी कर रहे हैं। व्यापारियों पर लगाम लगाने के लिए विभागीय कार्यवाई भी शून्य है। 
बताया गया है कि कार्यवाई न होने के पीछे कमीशन आड़े आ रहा है। ज्ञात हो कि शहर में सैकड़ा से ज्यादा ऐसे बड़े व्यापारी हैं जो विभिन्न तरह का व्यवसाय संचालित किये हुए हैं जिसमें गल्ला व्यवसाईयों से लेकर कपड़ा, जूता, परचून, दवाईयां, हार्डवेयर व मशीनरी उपकरण आदि की दुकानें शामिल हैं। इन दुकानों से शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के फुटकर व्यवसायी प्रतिदिन लाखों रूपये की सामग्री की खरीद फरोख्त करते हैं लेकिन इन छोटे व फुटकर व्यापारियों को कभी भी थोक व्यवसाईयों द्वारा पक्की रसीदें नहीं दी जाती हैं। जिससे एक नंबर का सामान रसीद न देने की बजह से दो नंबर का हो जाता है। कई बार तो रसीद के अभाव से छोटे व्यापारियों को मुसीबत का सामना भी करना पड़ता है। खासकर गल्ला व शक्कर के व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों की दुकानों में कभी कभार कार्यवाई होती है। जहां रसीद न होने के बाद सुविधा शुल्क लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। वहीं थोक व्यापारी पक्की रसीद न देने के एवज में लाखों रूपये का कर बचा रहे हैं जिससे शासन को चूना लग रहा है। 
सीधी जिले में ब्लाक स्तर पर भी बड़े व्यापारियों द्वारा बेखौफ होकर आयकर की चोरी की जा रही है। आयकर विभाग इस मामले में सीधी जिले को लेकर पूरी तरह से सालों से लापरवाह है। यहां यह उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा भी जब कभी छापामार कार्यवाई की गई तो इन बड़े मगरमच्छ व्यापारियों को छोड़ छोटे व्यापारियों को ही शिकार बनाया गया। विभाग द्वारा दो चार छोटे व्यापारियों पर कार्यवाई कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लिया।

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