संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा पंचायती अमला, हो रहा घटिया निर्माण कार्य

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संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा पंचायती अमला, हो रहा घटिया निर्माण कार्य



संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा पंचायती अमला, हो रहा घटिया निर्माण कार्य 


मामला मझौली जनपद के ग्राम पंचायत पोड़ी का।

(रवि शुक्ला) मझौली। 
भले ही चाहे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संक्रमण की रोकथाम के लिए दुरुस्त व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा हो लेकिन इनके इस प्रयास को जिम्मेदार विभाग एवं पंचायती अमला दरकिनार का भ्रष्टाचार की मिसाल रच रहा है ऐसा किसी एक ही पंचायत में नहीं मझौली जनपद क्षेत्र अंतर्गत लगभग सभी पंचायतों में इस संकट के समय में भी जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जहां एक ओर मनरेगा के कार्य मशीनों द्वारा करा कर अपने सगे संबंधियों व चहेतों के नाम मास्टर रोल तैयार कर गरीबों के हक डकार रहे हैं वही अन्य मदों की राशि से काली कमाई करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं यहां तक की हितग्राही मूलक योजनाएं भी इनके भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रही है। जिसका ताजा मामला पोड़ी ग्राम पंचायत के बड़का डोल गांव में बड़का डोल से दुबरी पहुंच मार्ग मे बनाई जा रही पुलिया में देखने को मिला। जहां पर दो से तीन दर्जन मजदूर बिना मास्क के घटिया निर्माण कार्य में जुटे हुए थे। जिसमें 40 से 50 एमएम गिट्टी वही के नाले के मिट्टी युक्त बालू से नाम मात्र की सीमेंट से कार्य किया जाना पाया गया।जिसमे बाद में प्लास्टर भी किया जा रहा था। जहां पर ना तो कोई पंचायत कर्मी था ना ही पंचायत प्रतिनिधि हां मीडिया को कंट्रोल करने वाले पंचायत कर्मियों के गुंडे जरूर देखने को मिले जो मीडिया पर आक्रामक हो रहे थे। लेकिन मीडिया की टीम की दल बल के साथ पहुंची थी जिसे देखकर वे खुद दूर से ही अनाप-शनाप बकते रहे पास आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

क्वालिटी कंट्रोलर विभाग की भूमिका संदिन्ध:-

यदि क्वालिटी कंट्रोलर विभाग आर ई एस के कार्यप्रणाली पर नजर दौड़ाई जाए तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इनकी सह पर ही भ्रष्टाचार किया जा रहा है पदस्थ उपयंत्री कभी भी साइडों में नहीं दिखते पूछे जाने पर इधर-उधर घुमा कर अटपटा जवाब देने से भी नहीं चूकते वही वरिष्ठ अधिकारी बाइट बयान से इनकार करते हुए मौखिक रूप से कार्यवाही करने की बात कह कर टाल देते हैं यदि पंचायती ठेकेदारों की मानें तो इनका कहना होता है कि 30 से 40 परसेंट अधिकारियों के कमीशन में चला जाता है तो कितना सही काम कराया जाए। तो आखिर यह कमीशन कौन अधिकारी बटोर रहे हैं।

विधायक का नाम आना बदनाम करने की साजिश तो नहीं:-

मीडिया के चर्चा के दौरान उपस्थित लोगों द्वारा बताया गया कि विधायक के दमाद कार्य करा रहे हैं जबकि वह वहां मौजूद नहीं थे। मिली जानकारी के अनुसार पोड़ी ग्राम पंचायत में इस समय मझौली क्षेत्र के विधायक के कट्टर विरोधी माने जाने वाले निवर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष रूबी सिंह के पति विदेश सिंह के भाई धीरेंद्र सिंह सचिव पद पर पदस्थ हैं। जिनके परिवार और विधायक के बीच 36 का आंकड़ा है ऐसे में विधायक के दमाद को भ्रष्टाचार में शामिल कर विधायक को बदनाम करने की कोशिश तो नहीं की जा रही या खुद सचिव द्वारा लोगों को उनका नाम बताने का कहां गया है। जिसका वास्तविक पता लगाने मे मीडिया जुटा हुआ है पंकज सिंह से मुलाखात न होने से अभी तक वास्तविकता सामने नहीं आ सकी है। वैसे इस समय पंचायत कर्मियों द्वारा पंचायत में भ्रष्टाचार की कमाई से गुंडे पाल लिया गया है जिन्हें दारू पिया कर साइड में बैठाया जाता है जो मीडिया या अन्य अधिकारियों के साथ अभद्रता करने से नहीं चूकते यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पूर्व नौढिया पंचायत में जेसीबी मशीन से मेड बंधान कार्य कराया जा रहा था जहां पर सरपंच पति चार पांच लोगों के साथ दारू पीते बैठे थे मीडिया के पहुंचने पर वह वहां से उठ कर दूर जाते हुए अन्य लोगों को मीडिया पर आक्रमण करने का इशारा कर रहे थे किंतु मीडिया को पहचान होते हुए वह मात्र आनलगल बात ही किए बाकी की हिम्मत नहीं जुटा पाए। इसी तरह का हाल 26 अप्रैल को निर्माणाधीन कार्य का जायजा लेने पोड़ी पंचायत के बदकडोल में देखने को मिला जो लगातार विधायक दमाद पंकज सिंह का नाम लेकर उतावले हो रहे थे जबकि पंकज सिंह वहां नहीं थे। 


जिम्मेदारों का नही आया कोई बयान:-


इस संदर्भ में जिम्मेदार अधिकारियों का बयान लेने का प्रयास किया गया 27 अप्रैल को कार्यालयों में ना मिलने पर आज 28 अप्रैल को सुबह ही व्हाट्सएप नंबर पर वीडियो डालकर बयान चाहा गया लेकिन जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी पढ़ने के बाद भी किसी तरह का समाचार लिखे जाने तक कोई बयान नहीं दिए हैं उपयंत्री राकेश सिंह से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा बोला गया कि कई पंचायतें हैं कहां कहां बैठे रहे जब लेआउट के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि हम दिए हैं जब अनुपयुक्त स्थान के बारे में पूछा गया तो बोले वहां नहीं गए थे देखते हैं उसने बड़ी सी बन पाएंगे लागत राशि पूछे जाने पर बोला गया कि स्टीमेट देखकर बताते हैं लेकिन अभी तक शायद वे स्टीमेट नही देख पाए।

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