गर्मियों में खीरा है हीरा, जानिए इसका क्या धार्मिक महत्व

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गर्मियों में खीरा है हीरा, जानिए इसका क्या धार्मिक महत्व


गर्मियों में खीरा है हीरा, जानिए इसका क्या धार्मिक महत्व


आजकल गर्मी और लू का दौर चल रहा है.
ऐसे में वे सब्जियां या फल खाने की सलाह दी जाती है, जिसमें पानी की मात्रा अधिक हो, ताकि शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे. इसके लिए खीरा लाभकारी है. खीरा (Cucumber) में भरपूर पानी है और मिनरल्स भी. खीरे की उत्पत्ति भारत में ही हुई है. खीरे का धार्मिक महत्व भी है. भारत में खीरे को कच्चा ही खाया जाता है, जबकि विदेशों में इसका विशेष प्रकार का अचार बहुत ही पसंद किया जाता है. कभी वह भी वक्त था कि खीरे को जहरीला माना जाता था.

भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में खीरे को शीतलता लाने वाला बताया गया है. खीरा मूल तौर पर भारत का है और करीब 3 हजार साल से इसकी भारत की खेती की जा रही है. इसका विस्तार दूर-दूर तक हुआ. यह ग्रीस और इटली में गया. उसके बाद अन्य देशों में इसका लगातार प्रसार होता गया. ऐसी जानकारी है कि फ्रांस में नवीं शताब्दी में, इंग्लैंड में 14वीं और अमेरिका में इसकी 16वीं शताब्दी में खेती शुरू हुई. आपको हैरानी होगी कि शुरुआती दौर में यूरोप के कुछ हिस्सों में खीरे को जहरीला माना गया. उसका कारण यह था कि जमीन पर उगते वक्त यह सांप जैसा आभास देता था. लेकिन जब जानवरों ने इसे खाया और उन पर कोई जहरीला असर नहीं हुआ तो यूरोप में इसका चलन खूब बढ़ा.

खीरे की एक विशेषता है कि सलाद के लिए यह मुख्य घटक है. सलाद में अगर खीरा है तो सलाद हीरा है. उस सलाद को सभी लोग खाना पसंद करते हैं. भारत में तो इसे कच्चा ही खाया जाता है, लेकिन अमेरिका, कनाडा, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में इसका अचार खाया जाता है. अचार भी बेहद साधारण तरीके का. खीरों को नमक के पानी में कुछ दिन रख दिया जाता है और बाद में उसे धोकर उसमें सिरका आदि डाल दिया जाता है. बन गया अचार. वहां रेस्तरां, घरों में खीरे को इसी तरह खाया जाता है. बाजार में भी यह आचार खूब बिकता है.

बौद्ध और जैन ग्रंथों में खीरे का वर्णन है. ईसा पूर्व सातवीं शताब्दी में लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ 'चरकसंहिता' में खीरे का त्रपुष कहा गया है. इसका सेवन मधुर व शीतल है. यह शरीर की गर्मी को शांत करता है. आहार विशेषज्ञ व होमशेफ सिम्मी बब्बर के अनुसार खीरे को छिलके समेत खाना अत्यंत लाभकारी है. यह फाइबर होता है, जो कब्ज को रोकता है. खीरे में 95 प्रतिशत पानी होता है और यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है. उन्होंने बताया कि गर्मी में खीरा शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है. आप सलाद, सैंडविच या रायते में खीरा खा सकते हैं. यह हर तरह से शरीर को लाभ ही देगा. उन्होंने कहा कि रात में खीरे को खाने से बचना चाहिए, क्योंकि रात में यह देर में हजम होता है.

भारत में खीरे का धार्मिक महत्व भी है. कृष्ण जन्माष्टमी में इसकी पूजा होती है. माना जाता है कि कृष्ण भगवार खीरे से प्रसन्न होते हैं और भक्तों के संकट दूर कर देते हैं. कृष्ण जन्माष्टमी में ऐसा खीरा लाया जाता है जिसमें थोड़ा डंठल और पत्तियां भी होती हैं. दूसरी ओर भारत में खीरे का आर्थिक महत्व भी खूब है. भारत पूरी दुनिया में खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. भारत का खीरा दुनिया के 20 देशों में खाया जाता है, इनमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, कनाडा, जापान, बेल्ज़ियम आदि शामिल है. पूरे विश्व में भारत के खीरे की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है. भारत के अचारी खीरे की भी विदेशों में खूब मांग है.

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