Civil Services Exam : पिछड़े और गरीब छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराएंगे केंद्रीय विस्वविद्यालय,जानिए योजना के बारे में

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Civil Services Exam : पिछड़े और गरीब छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराएंगे केंद्रीय विस्वविद्यालय,जानिए योजना के बारे में



Civil Services Exam : पिछड़े और गरीब छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराएंगे केंद्रीय विस्वविद्यालय,जानिए योजना के बारे में



जरूरत पड़ने पर डीएसीई बाहरी शिक्षकों की भी सेवा ले सकेगा। इस योजना के तहत प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय को साल में 75 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। इसमें उन्हें अधिकतम 100 एससी छात्रों को सिविल सेवा से जुड़ी तैयारी करानी होगी।

नई दिल्ली। समाज के पिछड़े और गरीब वर्ग को आगे बढ़ाने की दिशा में सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। इसके तहत देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने के लिए मुफ्त कोचिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा।

जिसका संचालन विश्वविद्यालयों की ओर से गठित होने वाला डा. अंबेडकर सेंटर आफ एक्सीलेंस (डीएसीई) करेगा। जो छात्रों के दाखिले व फैकल्टी आदि की पूरी व्यवस्था को देखेगा।

30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शुरू करने की तैयारी

फिलहाल इस साल से ही देश के करीब 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इन कोचिंग सेंटर को शुरू करने की तैयारी है। प्रशासनिक सेवाओं में एससी छात्रों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता एवं कल्याण मंत्रालय ने यह पहल की है। मंत्रालय से जुड़े डा. अंबेडकर फाउंडेशन ने इस पूरी योजना का खाका तैयार किया है। पहले फेज में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कम से कम एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस कोचिंग सेंटर को खोला जाएगा।

स्थापित करना होगा केंद्र

इससे पहले संबंधित विश्वविद्यालयों को अपने यहां डा. आंबेडकर सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करना होगा। यह डा. आंबेडकर फाउंडेशन की देखरेख में काम करेगा। योजना के तहत विश्वविद्यालयों को कोचिंग सेंटर के लिए एक प्रोग्राम कोआर्डिनेटर सहित अलग-अलग विषयों में दक्ष तीन वरिष्ठ शिक्षकों की सेवा उपलब्ध करानी होगी।

बाहरी शिक्षकों की ली जाएंगी सेवाएं

जरूरत पड़ने पर डीएसीई बाहरी शिक्षकों की भी सेवा ले सकेगा। इस योजना के तहत प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय को साल में 75 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। इसमें उन्हें अधिकतम 100 एससी छात्रों को सिविल सेवा से जुड़ी तैयारी करानी होगी। इनमें करीब 33 प्रतिशत महिलाएं होंगी।

एक बार ही कोचिंग दी जाएगी

हालांकि, पर्याप्त संख्या में महिलाओं के नहीं मिलने पर ये सीटें पुरुष छात्रों को भी दी जा सकेंगी। छात्रों को सिर्फ एक बार कोचिंग प्रदान की जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, एससी छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी कराने के लिए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में को¨चग सेंटर खोले जाएंगे। यह प्रयोग सफल रहा तो राज्यों को ऐसे सेंटर को संचालित करने में मदद दी जाएगी।

कोचिंग सेंटर को परिणाम भी देना होगा

एससी छात्रों के लिए शुरू होने वाले कोचिंग सेंटर के प्रदर्शन को भी जांचा जाएगा। हर साल सेंटर में पढ़ने वाले कम-से-कम 10 प्रतिशत छात्रों को परीक्षा पास करनी होगी। छात्रों को सिविल सेवा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों स्तरों पर कोचिंग कराई जाएगी। प्रत्येक सेंटर में सिर्फ तीन विषयों में कोचिंग दी जाएगी। विषयों का चयन विश्वविद्यालय अपनी विशेषज्ञता के आधार ही करेगा।

दिल्ली के दो और यूपी के तीन विश्वविद्यालयों का हुआ चयन

फिलहाल जिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में मुफ्त कोचिंग सेंटर खोले जाएंगे, उनमें दिल्ली के दो विश्वविद्यालय शामिल हैं। ये हैं-दिल्ली विश्वविद्यालय व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय। उत्तर प्रदेश के बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ भी इनमें शामिल हैं।

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