सीधी: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

सीधी: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड



सीधी: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड 


सीधी।
माननीय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, जिला सीधी (म.प्र.) द्वारा विचारण उपरांत थाना मझौली के अपराध क्रमांक 286/21 में अभियुक्त सुरेन्द्र कोल पिता लखन उर्फ रामलखन कोल उम्र-31 वर्ष निवासी ग्राम ठोंगा थाना मझौली जिला सीधी को धारा 5(m)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदंड, धारा 5(n)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रूपए अर्थदंड एवं धारा 506 के अपराध में 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपए अर्थदंड की राशि से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया। उक्त् प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त् पैरवी श्रीमती भारती शर्मा, जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा की गई। 
जिला अभियोजन अधिकारी कार्यालय सीधी के मीडिया सेल प्रभारी/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि अभियोक्त्री के पिता ने थाना मझौली में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 16.03.21 को अभियोक्त्री अपनी नानी के साथ खंतरा अपनी मौसी के यहां गई थी। दिनांक 17.03.21 को अभियोक्त्री समय करीब 5:00 बजे शाम वापस आई और बताई कि दिनांक 16.03.21 को वह अपने मौसी के घर में थी, तब उसके मौसिया सुरेन्द्र कोल आए और बोले कि चलो नए कपड़े दिलाने का बोलकर अपने साथ ग्राम ठोगा ले गए। घर से कुछ दूर पहले रास्ते में अरहर के खेत के पास बैठकर दारू पीने लगे और दारू पीने के बाद अभियोक्त्री को गोदी में उठाकर अरहर के खेत में पटक दिए और अभियोक्त्री के सारे कपड़े उतारकर उसके साथ गलत काम (बलात्कार) किए और अभियोक्त्री से बोला कि आवाज करोगी तो मारकर यही लटका देगें। अभियोक्त्री  डर के मारे किसी को नहीं बताई और न ही आवाज की। इसके बाद आरोपी के फोन में किसी का फोन आया और वो बात करने लगा तो अभियोक्त्री  उठकर जल्दीा से भागकर अपने मौसी के घर चली गई। पीछे-पीछे उसका आरोपी मौसिया भी आ गया और अभियोक्त्री को वहां भी धमकी दिया कि किसी को बताएगी तो यहीं जान से खत्म  कर देगा। शिकायत पर पुलिस थाना मझौली के अपराध क्रमांक 286/21 अंतर्गत धारा 376AB, 376(2)(च), 506 भादवि एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5(m)/6, 5(n)/6 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए अभियुक्तस को अधिकतम सजा दिये जाने का निवेदन किया। विचारण पश्चात न्या्यालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 16/21 में माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त सुरेन्द्र कोल को संदेह से परे दोषसिद्ध प्रमाणित कराया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ