न्यायालय ने हत्या के आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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न्यायालय ने हत्या के आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा



न्यायालय ने हत्या के आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा 



भोपाल। अपर सत्र न्यायाधीश जयसिंहनगर जिला शहडोल के द्वारा थाना जयसिंहनगर के सत्र प्रकरण क्र0 155@16 में आरोपी सुक्खू उर्फ राजकुमार कुशवाहा पिता बालादीन कुशवाह उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम चंदवार थाना कोतवाली उमरिया जिला उमरिया, राहुल केवट पिता सुखलाल केवट उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम टेटका थाना जयसिंहनगर जिला शहडोल रवि गुप्ता पिता मुन्ना लाल गुप्ता उम्र 27 वर्ष नवासी ग्राम टेटका थाना जयसिंहनगर जिला शहडोल, दशरथ उम्र दउआ गोंड पिता राम सिंह गोंड उम्र 25 वर्ष निवासी खडगडी थाना सीधी जिला शहडोल म0प्र0 में समस्त आरोपीगणों धारा 302/34 एवं 120 बी भादवि में को आजीवन कारावास एवं 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड 201/34 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से उक्त प्रकरण में श्री सी0पी0 मिश्रा सहा0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी जयसिंहनगर जिला-शहडोल द्वारा पैरवी की गई। एवं  श्री संतोष कुमार पाटले सहा0 जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा पैरवी में सहयोग प्रदान किया गया। प्रकरण में घटना का कोई चक्षुदर्शी साक्षी नहीं था, परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं सीडीआर रिपेर्ट के आधार पर आरोपीगण को अभियोजन द्वारा दंडित कराया गया। संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी (अभियोजन) नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 30/03/2016 को समय करीब 10:30 बजे बीट गार्ड प्रभारी मनोज मिश्रा द्वारा जरिए मोबाईल से सूचना दी गई कि कनाडी कला टोला के जंगल में एक अज्ञात पुरूष का शव पडा है। मौके पर हमराह के साथ घटना स्थल देखे कि एक व्यक्ति की अधजली लाश पडी हुई थी।  विवेचना के दौरान यह तथ्य आया कि आरोपिया रामबाई जो झाडफूंक का कार्य करती है आरोपी दउआ उर्फ दशरथ भी उसके यहां झाडफूंक के लिए आया करता था जिससे उसके आरोपिया के साथ शारीरिक संबंध स्थापित हो गए थे। जिसको लेकर आरोपिया और उसके पति मृतक देवनंदन के मध्य विवाद शुरू हो गया था। आरोपिया ने मृतक को रास्ते से हटाने के लिए सुक्खू, एवं अन्य आरोपीगणों के साथ षणयंत्र कर अपने पति देवनंदन की हत्या कराए जाने के लिए बोला और उसकी हत्या कर दी। विवेचना कार्यवाही दौरान आरोपीगणों को अभिरक्षा में लिया जाकर उसने पूछताछ की गई जहां आरोपीगणों द्वारा घटना कारित करना बताया गया । उक्त अभियुक्तगणों के विरूद्ध जप्तमाल एवं साक्षियों के आधार पर अपराध पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किए गए सशक्त तर्कों से सहमत होकर एवं प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विचारण उपरांत आरोपीगण को उपरोक्तानुसार दण्ड से दंडित किया गया। न्यायालय द्वारा मृतक के आश्रितों के पुनरवास हेतु पीडि़त प्रतिकर योजना लाभ दिलाये जाने का आदेश भी किया गया है।

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