मझौली: पारंपरिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे साहिजनहा के किसान,सोशल मीडिया से मिला आइडिया

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मझौली: पारंपरिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे साहिजनहा के किसान,सोशल मीडिया से मिला आइडिया


मझौली: पारंपरिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे साहिजनहा के किसान,सोशल मीडिया से मिला आइडिया



रवि शुक्ला,मझौली

 जिले के अधिकतर किसान आज भी धान, गेहूं या तिलहन,दलहन जैसी पारंपरिक फसलों पर निर्भर हैं, मझौली ब्लॉक के ग्राम सहिजनहा निवासी एक किसान ने नवाचार करके कमाई कर रहे हैं किसान सुरेंद्र साहू ने खेती का एक बिल्कुल अलग रास्ता चुना सुरेंद्र साहू सीधी जिले के एकमात्र किसान हैं जो 30 डिसमिल ज़मीन में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं और वह भी पिछले लगभग 4 सालों से. बातचीत के दौरान सुरेंद्र ने बताया कि 2022 में हमने यह नवाचार किया इस अनोखी खेती से हर सीजन में अच्छी कमाई हो रही है. इसकी रखवाली के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगवाएं हैं ताकि कोई पौधे को नुकसान न पहुंचा पाएं।


यूट्यूब से मिला आइडिया


सुरेंद्र साहू बताते हैं कि यह नया आइडिया उन्हें यूट्यूब से मिला . बताया की सोशल मीडिया पर ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ी कुछ वीडियो देखा इसके बाद हमें लगा की इसकी खेती कर अच्छी कमाई की जा सकती है इसके बाद सुरेंद्र ने हरियाणा जाकर ड्रैगन फ्रूट के पौधे ले आया जो यह ’एलिस रेड ’ किस्म की है उस वक्त एक पौधे की कीमत करीब 80 रुपये थी हमने 400 पेड़ लाकर लगाया है, किसान सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने तीन साल पहले ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए थे , जो वह फल देने लगे हैं। पिछले वर्ष एक क्विंटल ड्रैगन फ्रूट बेच बेच चुके हैं ,हम इसको सस्ते दामों पर देते हैं बाजार में 250 रूपये किलो है और हम 150 रुपए किलो देते हैं , अगर कोई किसान पौधा या फल लेना चाहता है तो संपर्क कर सकता है। ड्रैगन फ्रूट में जुलाई से लेकर नवंबर तक लगभग 5 से 6 महीने तक फसल चलती रहती है। उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट का पौधा एक बार लगाने के बाद 18 से 20 वर्षों तक फसल ली जा सकती है। यह केक्टस प्रजाती का पौधा होने के कारण लम्बे समय तक चलता है। ड्रैगन फ्रूट कम पानी वाली खेती है। जिससे अन्य फसलों की तुलना में पानी की काफी बचत होती है। इस पौधे में आर्गेनिक खाद डालता हूँ और कुछ खाद जैसे गौमूत्र,गाय के गोबर, जीव रस, सहित अन्य सामग्री का मिश्रण कर अपने से बनाते हैं,खाद आर्गेनिक खाद की जानकारी भी सोशल मीडिया के माध्यम से लेकर बनाते हैं।

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